12/29/2019

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10/15/2019

Top 15 Diwalli Quotes In Hindi

Top 15 Diwalli Quotes In Hindi
दिवाली की शायरियाँ 


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दिवाली के बेहतरीन कोट्स जो आपको बहुत पसंद आएंगे। 


दिवाली का ये पावन त्यौहार
जीवन में लाये खुशिया आपार। 
लक्ष्मी जी विराजे आपके द्धार
शुभकामनाएं हमारी करे स्वीकार।। 
आप सभी को दिवाली मुबारक। 

दीप जलते जगमगाते रहे। 
हम आपको आप हमे याद आते रहे।।
जब तक जिंदगी है, दुआ है हमारी। 
आप चाँद की तरह जग मगाते रहे। 

पल सुनहरे फूल खिले। 
कभी न हो कांटो का सामना।।
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे। 
दीपावली पर हमारी यही शुभकामना।।

दीपों का त्यौहार है दिवाली। 
जो लाये हर जगह खुशहाली।।

प्रदुषण मुक्त दिवाली मनाएंगे। 
पठाखे नहीं सिर्फ दिए जलायेंगे।।

दिए जलाओ दिवाली मनाओ। 
अंधकार को दूर भगाओ।।

खुशियों से दिवाली मानते है। 
नए कपडे और मिठाई खरीद कर लाते है। 

ऐसा दिवाली का त्यौहार है,
लाता नए नए उपहार है। 

दिवाली पर पठाखे घर नहीं लाएंगे। 
वातावरण को प्रदूषण मुक्त बनाएंगे। 

जरुरत मंदो को सामान दान करो,
दिवाली पर जान कल्याण करो। 

होटों पे हँसी, आँखों में ख़ुशी,
गम का कही नाम नहीं,
ये दिवाली लाये आपके जीवन में इतनी 
खुशिया जिसकी कभी श्याम न हो। 

आपको दीपावली की शुभकामनाये,
हम देते आपको लाखो दुआएं,
नया वर्ष हो पुराने जैसा याद गार,
आप सबको मिले अपनी खुशियों का संसार। 

मुस्कुराते हँसते दिप तुम जलाना,
जीवन में नयी खुशियों को लाना,
दुःख दर्द आपने भूल कर,
सबको गले लगाना सबको गले लगाना। 

हम भी ख़ुशी में गन गुनाया करते थे,
हँसते थे मुस्कुराया करते थे,
पर उसी दिए ने जला डाला मेरे हाथों को,
जिस दिए को हम हवाओं से बचाया करते थे। 

आसानी से दिल लगाए जाते है,
मगर मुश्किलों से वादें निभाए जाते है,
मोहब्बत ले आती है उन राहों पर,
जहा दीयों के बदले दिल जलाये जाते है। 

आपको ये Top 15 Diwali Quotes In Hindi कैसे लगे यह आप हमें आपके कमेंट के माध्यम से बताये। 

धन्यवाद 

10/14/2019

Diwali Quotes In Hindi

Diwali Quotes In Hindi
दिवाली के कोट्स


भारत में दिवाली एक बहुत ही महत्त्व पूर्ण त्यौहार है। क्यों की इस दिन लक्ष्मी घर आती है। दिवाली के त्यौहार के अवसर पर लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है। लक्ष्मी माता की पूजा करने से घर में समृद्धि होती है। इस दिवाली के पावन अवसर पर हमें यह भी ध्यान रखना होगा की हमें कम से कम पटाखों का इस्तेमाल अथवा नहीं के बराबर करना होगा। इस दिवाली हमें दिए चाहिए न की पटाखे क्यों की पटाखों से प्रदुषण फैलता है। हम दिवाली को एक स्वच्छ त्यौहार मानते है। तो हमें इस दिवाली पे प्रदूषण का भी ख़ास खयाल रखना चाहिए। 

तो आईये दोस्तों ये रहे आपके लिए कुछ बेहतरीन 

दिवाली कोट्स ( Diwali Quotes In Hindi )

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Diwali Quotes In Hindi


हो मुबारक ये त्यौहार आपको दिवाली का,
जिंदगी का हर पल मिले आपको खुशहाली का,
प्यार के जुगनू जले, प्यार की हो फुलझड़िया,
प्यार के फूल खिले प्यार की हो पंखुडिया। ।



प्यार की बंसी बजे, प्यार की शहनाईया,
खुशियों के दिप जले, दुःख कभी न ले अंगड़ाईयाँ,
आपको और आपके परिवार को,
दिवाली की हार्दिक बधाईया। ।


हर घर में हो उजाला,
आये न रात काली,
हर घर में मने खुशिया,
हर घर में हो दिवाली। ।
शुभ दिवाली।



मकाई की रोटी, निम्बू का आचार,
सूरज की किरणे, खुशियों की बहार,
चाँद की चांदनी,अपनों का प्यार,
मुबारक हो आपको दिवाली का त्यौहार। ।



हर घर में दिवाली हो हर घर में दिया जले,
जब तक रहे दुनिया जब तक संसार चले,
दुःख, दर्द, उदासी से हर दिल महरूम रहे,
पग पग उजियालों में जीवन की ज्योति जले। ।
आप सभी को दिवाली मुबारक हो।



रोशन हो दीपक और सारा संसार जग जग मगाये।
लिए साथ सीता मैय्या को राम जी है लाये।
हर शहर यूँ लगे मानो अयोध्या हो।
आओ हर द्धार,गली हर मोड़ पे दीप जलाये।।

दिवाली है रौशनी का त्यौहार,
लाये हर चेहरे पर मुस्कान,
सुख और समृद्धि की बहार,
समेटलो साड़ी खुशिया,
आपनो का साथ और प्यार,
इस पवन अवसर पर,
आप सभी को दिवाली का हार्दिक प्यार


 दिप से दिप जले तो हो दीपावली,
उदास चेहरे खिले तो हो दीपावली,
बाहर की सफाई तो हो चुकी बहुत,
दिल से दिल मिले तो हो दीपावली।। 


धन लक्ष्मी से भर जाए, घर में वैभव आपार,
खुशियों के दीपों से सज्जित हो सारा संसार,
आँगन आये बिराजे लक्ष्मी करे विश्व सत्कार,
मन आँगन में भरदे उजाला दीपों का त्यौहार। ।

दिप जलते रहे मन से मिलते रहे।
गीले शिकवे सारे मन से निकलते रहे।।
सारे विश्व में सुख शांति की प्रेरणा ले आये।
ये दीपों का त्यौहार ख़ुशी की सौगात ले आये।।   


तो दोस्तों आपको यह कोट्स कैसे लगे, कमेंट के माध्यम से बताईये।  आपके विचार हमसे जरूर साजा कीजिये। यह पोस्ट पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिये। 

धन्यवाद  

10/13/2019

दिवाली की शायरी Best Diwali Wishes In Hindi

दिवाली की शायरी 
Best Diwali Wishes In Hindi


दिवाली दीपों का त्यौहार है। हमारे देश में दिवाली को बहुत पावन अथवा पवित्र त्यौहार माना जाता है। इस दिन जो कोई भी लक्ष्मी माता की आराधना निस्वार्थ भाव से करता है, उस पर लक्ष्मी माता की असीम कृपा होती है। 

दिवाली के दिन निस्वार्थ भाव से सभी से प्रेम से रहिये और अपने आस पास के लोगों को खुश रखने का प्रयास कीजिये। इससे आपकी दिवाली का त्यौहार बहुत ही सुखमय होगा। यह दिवाली का त्यौहार आपके जीवन सुख और समृद्धि लाएगा। 


ऐसी कुछ ख़ास बातें और आपका मनोरंजन और उसी के साथ आपको दिवाली का महत्व समझाने के लिए मैं कुछ शायरिया लाया हूँ।  इन शायरियो को ध्यान से पढ़े और दिवाली का आनंद उठाये। 


दिवाली की  शायरी 


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दिवाली की शायरी

आज दिवाली मानाने से पहले,देश के उन वीरों को याद करें,     जो दिन रात हमारे सुख चैन के,        लिए सरहद की रखवाली करते है । ।  


गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है,सितारों ने गगन से सलाम भेजा है,मुबारक हो आपको ये दिवाली,हमने तह दिल से यह पैगाम भेजा है। ।



सफलता कदम चूमती रहे,ख़ुशी आस पास घूमती रहे,यश इतना फैले की कस्तूरी भी शर्मा जाए,  लक्ष्मी की कृपा इतनी हो की बालाजी भी देखते रह जाए। ।  


दिवाली के इस पावन त्यौहार के अवसर पर आप सभी लक्ष्मी जी की ऐसी आराधना कीजिये की आपके सारे कष्ट दूर हो जाए और आप अपने परिवार के साथ खुश रहिए। जिस प्रकार भगवन राम जी ने पापी रावण का अंत किया था उसी प्रकार हम सभी को भी अपने अंदर छिपे रावण रूपी ( अहंकार, क्रोध, इर्षा, लोभ, मोह ) आदि जैसे विकारों का त्याग करना होगा। तभी हम इस संसार में सुखी रह पाएंगे। 


दियो की रौशनी से झील मिलाता आंगन हो,पटाखों की गूंज से असमा रोशन हो,ऐसी आये झूम के ये दिवाली,हर तरफ खुशियों का मौसम हो। ।



ज़माने भर की याद में मुझे न भुला देना,जब कभी याद आए तो जरा मुस्कुरा देना,जिन्दा रहे तो फिर मिलेंगे,वर्ना दिवाली में एक दिया मेरे नाम का भी जला देना। ।



रौशनी भी होगी, होंगे चिराग भी,आवाज़ भी होगी, होंगे साथ भी,पर न होगी उसकी परछाई और न ही उसकी आहट। 



बिन सनम हम दिवाली कैसे मनाये,तन्हाई में ख़ुशी के दीप कैसे जलाए,दिलो की रौशनी से जलता है मेरा दिल,केहदो इन दियो से ये दिवाली न मनाए। ।


तो दोस्तों आपको यह शायरी कैसी लगी ये आप हमें अपने कमेंट के माध्यम से बताये। 

धन्यवाद 


  

10/11/2019

एक शराबी की कहानी Story Of a Drunker शराबी की पत्नी की कहानी शराबी रामु की कहानी

एक शराबी की कहानी 
Story Of a Drunker

एक रामु नाम का किसान था। उसकी आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय थी। कभी कभी तो ऐसा भी समय आता था जब उसके परिवार को भूके पेट ही सोना पढता था। रामु के परिवार में रामु के अलावा उसकी माँ और पत्नी सुलोचना थी। सुलोचना रामु से बहुत प्यार करती थी। वह एक पतिव्रता नारी थी। वह दिन रात एक करके पैसे इकट्ठा करती थी जिससे की उनको एक वक्त का भोजन मिल सके लेकिन रामु अपनी शराब की लत के कारन वह पैसे उससे छीन लेता था। रामु की शराब की लत इतनी बढ़ गयी थी कि वह शराब के लिए कुछ भी कर सकता था। वह रोज अपनी पत्नी सुलोचना को पीटता था। 


शराबी की पत्नी की कहानी 

सुलोचना रामु को कई बार समझती थी की शराब की लत सेहद के लिए हानिकारक है। लेकिन रामु उसकी एक नहीं सुनता था। वह शराब का इतना अदि होगया था की अगर कोई उसे शराब के लिए किसी का खून करने को कहे तो वह वो भी करदेगा। 


कुछ दिनों बाद उसकी पत्नी सुलोचना बीमार होगयी। डॉक्टर के पास ले जाने पर डॉक्टर ने रामु को बताया की उसकी पत्नी सुलोचना को ब्लड कैंसर है। डॉक्टर की बात सुनते ही रामु के कदमो तले जमीन खिसक गयी। सुलोचना ही उसके परिवार का एक मात्रा आधार थी। 

जब सुलोचना को इस बात का पता चला तो वह रोने लगी कि उसके जीवन के कुछ दिन ही शेष है। लेकिन सुलोचना को इस बात की भी चिंता थी कि उसकी मृत्यु के बाद उसने परिवार को कौन संभालेगा। कैंसर की बिमारी के बावजूद सुलोचना मजदूरी करने के लिए जाती थी। 

सुलोचना की हिम्मत को देखकर रामु के होश उड़ गए। उसने तभी नीचे किया कि वह अभी से शराब का सेवन नहीं करेगा। वह किसी भी हाल में अपनी पत्नी सुलोचना को बचाके ही रहेगा। चाहे उसे इसके लिए कुछ भी करना पड़े। 
शराबी रामु की कहानी
रामु ने शराब का सेवन बंद कर दिया। वह पैसे इकट्ठा करने के लिए दिन रात खेतों में काम करता। तब उसे पता चला की जीवन का मूल्य क्या है। रामु के मन में अपनी पत्नी के प्रति प्रेम का एक ऐसा लावा उठा जिसने उसके जीवन को ही बदल कर रख दिया। 

रामु ने इतनी मेहनत की और इतनी पैसे इकट्ठा किये की जिससे उसकी पत्नी का ऑपरेशन किया जा सके। सुलोचना को ऑपरेशन करके बचालिया गया। 

Note :- दोस्तों आज के समाज में हम ऐसे कई लोग देख सकते है जो शराब के अदि हो चुके है। शराब का अदि हो जाना मौत के करीब जाना है। लोग यह जानते है कि शराब पिने से उनके परिवार को कई सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन फिर भी लोग इसका सेवन करते है। 


कुछ बुद्धिमान लोग तो यह तर्क देते है कि शराब सेहत के लिए बहुत ही लाभ दायक है। दोस्तों हम सभी जानते है कि भोजन सेहद के लिए अनिवार्य है। पर अगर हम भोजन अधिक मात्रा में ग्रहण करेंगे तो क्या होगा? पानी सेहद के लिए जरुरी है पर अगर ज्यादा पियेंगे तो क्या होगा। तो अगर हम शराब का सेवन ज्यादा मात्रा में करेंगे तो क्या उससे हमारी सेहद का क्या होगा।
अगर ये छोटी सी कहानी आपको पसंद आये तो आपके विचार हमें कमेंट के माध्यम से बताए। 


धन्यवाद 

10/10/2019

एक आत्याचारी राजा की कहानी Story Of a Cruel King

एक आत्याचारी राजा  की कहानी 
Story Of a Cruel King


एक राजा था। उसकी तीन चार रानिया थी। वह राजा अपनी प्रजा पर बहुत आत्याचार करता था। राजा अपने अहंकार में अँधा हो चूका था। वह सही और गलत का फर्क भूल गया था। उसे लगता था कि वह भगवान बन चूका है। उसका कोई पुत्र नहीं था। जिसे वह अपना राज काज सौप सके। राजा के आत्याचारों से हताश प्रजा के पास कोई और मार्ग नहीं था। किसान दिन रात खेतों में काम करते थे पर उन्हें पेट भर भोजन भी नहीं मिलता था। आत्याचारी राजा के पाप चरम सिमा तक पहुँच चुके थे। उसका अंत नज़दीक आ चूका था। 

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एक दिन भगवन ऋषि के वेश में राजा के पास आये और राजा से बोले " है राजन अगर आप पुत्र पाना हैं तो भगवान शिव की आराधना कीजिए। उससे आप को संतान की प्राप्ति होगी"। राजा ने शिव की आराधना की और कुछ समय बाद राजा को संतान की प्राप्ति हुई। राजा बहुत खुश हुआ। राजा ने ऋषि को बुलाया और ऋषि को वरदान मांगने की लिए कहा। 


ऋषि बोले " हे राजन मुझे धन की लालसा नहीं है। पर मैं तुम्हे एक बात बताने जा रहा जिसे तुम ध्यान से सुनो "तुम्हारी मृत्यु तुम्हारे पुत्र के हातो ही होगी"। 


राजा ऋषि की बात सुनकर घबरा गया और बोला " हे ऋषिवर आप बोल रहे है भला मेरा पुत्र मेरी हत्या क्यों करेगा"। ऋषि बोले हे राजन यह तुम्हारे कर्मो का फल है। जो तुम्हे तुम्हारे पुत्र से मिलेगा। यही विधि का विधान हैं। 


राजा ने निर्णय लिया की वह अपने पुत्र की हत्या करेगा। अगर पुत्र ही नहीं रहेगा तो उसकी हत्या नहीं होगी। राजा ने अपने सैनिकों को आदेश दिया कि उसके पुत्र की हत्या कर दी जाए। सैनिक राजा के पुत्र की हत्या करने के लिए गए पर रानी अपने पुत्र को लेकर वन में भाग गयी। राजा ने सैनिको को उसे ढूंढ़कर खत्म करने का आदेश दिया। पर वे उन्हें कही नहीं मिले। 


 राजा के अत्याचार और ज्यादा बाद गए थे। महल के भोग विलास में लिप्त राजा अपनी मृत्यु को भूल गया था। लेकिन विधि के विधान को कौन बदल सकता है। उसकी मृत्यु तो होनी ही थी।
आत्याचारी राजा 


15 वर्ष बाद राजा ने तलवार बाजी की प्रतियोगिता का आयोजन किया था। जिसमे उसके पंद्रह वर्षीय बालक ने भी भाग लिया था। राजा को इसकी जानकारी नहीं थी। राजा समझता था कि उसके पुत्र की मृत्यु हो चुकी है। पर वह नहीं जानता था की उसके पुत्र को तलवार बाजी की कला खुद (भगवान) ऋषि दे रहे थे। 


छोटे से बालक ने तलवार बाजी की प्रतियोगिता में राजा को युद्ध के लिए आमंत्रित किया। पापी राजा ने उस चुनौती को स्वीकार किया। दोनों के बिच घमासान युद्ध हुआ और राजा के आत्याचारों से उस छोटे से बालक ने प्रजा को मुक्त किया। उस छोटे से बालक ने राजा को मृत्यु के घात उतार दिया। इस तरह छोटे से बालक ने राजा के किये गए पापों से प्रजा को छुटकारा दिला दिया। 


Note :- तो दोस्तों यह छोटी सी कहानी आपको कैसी लगी। आप अपने विचार मुझे अपने कमेंट के माध्यम से बाताएँ। 


धन्यवाद 

10/09/2019

BROTHER AND SISTER STORY IN HINDI भाई ओर बहन की कहानी

BROTHER AND SISTER STORY IN HINDI
भाई ओर बहन की कहानी 

इस कहानी के पात्र राकेश और गौरी हैं। राकेश अपनी बहन गौरी से बहुत प्रेम करता है, और गौरी भी अपने भाई राकेश से बहुत प्यार करती है।  राकेश की उम्र 17 साल है और गौरी की उम्र 15 साल।  दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। राकेश जब कभी अपनी बहन से कुछ  करने को कहता तो वह  कभी अपने भाई को मना नहीं करती थी, नाही कभी राकेश मना करता था। 


एक दिन दोनों भाई बहन कॉलेज से घर वापस आ रहे थे। अचानक गौरी रास्ते में गिर पड़ती है और बेहोश हो  जाती हैं। राकेश गौरी की यह हालत देखकर घबरा जाता है, और रोने लगता है। वह अपनी बहन को उठाकर पेड़ के निचे छाँव में ले जाता है। उसके मुँह पर पानी मारकर उसे जगाने की कोशिश करता है। कुछ समय बीतने के बाद गौरी को होश आता है। गौरी अपने भाई की यह हालत देखकर रोने लगती है। 

हे भगवान,मेरी दुआओ में असर इतना रहे,
मेरी बहन का दामन हमेशा भरा रहे। 
                                                                                               --- एक भाई 



कुछ दिनों बाद भी गौरी कुछ इसी तरह गिरकर बेहोश हो जाती है। तब राकेश अपनी बहन को अस्पताल ले जाता है और उसका इलाज करवाता है। डॉक्टर गौरी का चेक आप करने के बाद राकेश को अपने केबिन में बुलाता हैं। तभी डॉक्टर राकेश को बताता है कि गौरी के दिल में छेद है। यह बात सुनते ही राकेश रोने लगता है। लेकिन डॉक्टर उसे समझाता है कि अगर तुम इस तरह रोने लगोगे तो तुम्हारी बहन को सदमा लग सकता है और उसे दिल का दौरा भाी पड़ सकता है। यह बात सुनते ही राकेश अपने आँसू पोंछ लेता है और मुस्कुराता हुआ केबिन से बहार आता है। 


राकेश, गौरी को इस बात की भनक तक नहीं लगने देना चाहता है लेकिन राकेश यह भी जानता है कि गौरी के पास ज्यादा समय नहीं है। राकेश अंदर ही अंदर रोते रहता है। राकेश डॉक्टर के पास मिलने के लिए जाता है और डॉक्टर से पूछता है कि क्या मैं अपना दिल अपनी बहन गौरी दे सकता हूँ। डॉक्टर यह बात सुनकर भावुक हो जाता है। डॉक्टर राकेश को बहुत समझाता है पर राकेश डॉक्टर की कोई भी बात नहीं मानता है।  राकेश  किसी भी कीमत पर अपनी बहन गौरी को बचाना चाहता है। वह अपनी जान देकर भी अपनी बहन की जान बचाना चाहता है। 


राकेश जब डॉक्टर के पास जाकर वापस लौटता है तब गौरी  राकेश से कई सवाल पूछती है पर राकेश गौरी के किसी भी सवाल का जवाब नहीं देता है। गौरी के ज्यादा पूछने पर राकेश गौरी को डांट देता है। राकेश सोच विचार कर एक निर्णय लेता है कि उसके मरने के बाद उसकी बहन को उसकी मौत का गम नहीं होना चाहिए। तभी से वह अपनी बहन से बात करना बंद कर देता है। गौरी के पूछने पर उसे डांट देता है। राकेश शराब का सेवन करने लगता है। तभी से गौरी भी राकेश से नाराज़ रहने लगती हैं। 


कुछ दिनों बाद राकेश फिर से डॉक्टर के पास जाता है,और डॉक्टर से ऑपरेशन की तैयारी करने को कहता है। गौरी को अस्पताल लाया जाता है। डॉक्टर राकेश का ऑपरेशन करता है और गौरी को राकेश का दिल लगाकर गौरी की जान बचालेता हैं। 


कुछ दिनों बाद जब गौरी अपने भाई राकेश को अपने आस पास नहीं देखती। तब वह डॉक्टर से पूछती है कि मेरा भाई राकेश कहा हैं। डॉक्टर के पास गौरी के किसी भी सवाल का जवाब नहीं होता है। गौरी के ज्यादा जोर देने पर डॉक्टर गौरी सब कुछ बता देता है। राकेश का शराब का सेवन करना गौरी से लड़ाई करना मात्र एक नाटक ही था और कुछ नहीं। वह सब कुछ गौरी की भलाई के लिए ही कर रहा था। डॉक्टर कहता है कि तुम्हारे भाई राकेश ने तुम्हारी जान बचाने के लिए उसका दिल तुम्हे दे दिया है। डॉक्टर की यह बात सुनते ही गौरी फुट फुट कर रोने लगती हैं। 


तो दोस्तों यह भाई बहन की कहानी आप लोगों को कैसी लगी, आपके कमेंट के माध्यम से बताये। आपका एक कमेंट हमें कुछ नया लिखने की प्रेरणा देता है। 


धन्यवाद  

9/24/2019

ऋषि कुमार नचिकेता की अमर जीवनी Nachiketa Story In Hind

ऋषि कुमार नचिकेता की अमर जीवनी 
Nachiketa Story In Hindi


आश्रम का वातावण हवन की सुगंध से भरा हुआ था। दूर दूर के ऋषि महात्माओंको यज्ञ करने के लिए बुलाया गया था। चारो और वेदमन्त्रोच्चारण की ध्वनि गूंज रही थी।

बहुत पुरानी बात है जब हमारे देश में वेदों का पठान या पाठन होता था। ऋषि आश्रमों में रहकर उनके शिष्यों को शिक्षा अथवा दीक्षा देते थे। उन दिनों एक महान महर्षि थे।  उनका नाम बाजश्रव था। वे महान विद्वान और चरित्रवान थे। उनका एक पुत्र था जिसका नाम नचिकेता था। एक बार महर्षि ने "विश्वजीत" यज्ञ किया और उन्होंने एक प्रतिज्ञा की कि इस यज्ञ में वो अपनी सारी संपत्ति दान कर देंगे।




कई दिनों तक यज्ञ चलता रहा। यज्ञ की समाप्ति पर महर्षि ने अपनी सारी संपत्ति को यज्ञ करने वाले ऋषियों को दान में दे दिया। दान देकर महर्षि बहुत संतुष्ट हुए। बालक नचिकेता को गायो को दान में देने का यह निर्णय अच्छा नहीं लगा,क्यूंकि वे गायें दुबली और निर्बल थी। बालक नचिकेता का मानना था कि ऐसे दुर्बल गायों को दान में देने से कोई लाभ नहीं है। नचिकेता ने सोचा की पिताजी जरूर भूल कर रहे है। उनका पुत्र होने के नाते उन्हें ही इस भूल को सुधार न पड़ेगा।

नचिकेता पिताजी के पास गए और बोले "पिताजी अपने जिन वृद्ध गायो को दान में दिया है उनकी अवस्था ऐसी नहीं थी कि वो किसी और को दान में दी जाये।

महर्षि बोले पुत्र "पुत्र नचिकेता मैं ने यह प्रतिज्ञा की थी कि मैं इस यज्ञ में अपनी सारी संपत्ति दान कर दूंगा। गाये भी तो मेरी संपत्ति है। यदि मई गायनको दान न करता तो मेरा यज्ञ अधूरा रह जाता।

बालक नचिकेता ने कहा पिताजी "मेरे विचार में दान में वही वस्तु देनी चाहिए जो दुसरो के लिए उपयोगी हो तथा जो दूसरों के लिए काम में आ सके।  तो बताईये मैं तो आपका पुत्र हूँ आप मुझे किसे दान करोगे।

महर्षि ने नचिकेता के किसी भी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया वे मौन हो गए।  परन्तु नचिकेता ने बार बार वही प्रश्न दोहराया। महर्षि क्रोधित हो गए और बोले  "मैं तुम्हे हमराज को दान कर दूंगा। 

नचिकेता आज्ञाकारी बालक था। उसने निश्चय किया कि मुझे यमराज के पास जाकर अपने पिता के वचन को सत्य करना है। उसने सोचा की अगर वह ऐसा नहीं करेगा  तो भरिष्य में मेरे पिताजी का कोई सम्मान नहीं करेगा। 

नचिकेता ने अपने पिता से कहा "मई यमराज के पास जा रहा हूँ, अनुमति दीजिये। महर्षि असमंजस में पड़ गए।  काफी सोच विचार करने के बाद अपने ह्रदय को कठोर करने के बाद नचिकेता को यमराज के पास जाने की आज्ञा दे दी। 

नचिकेता यमलोक पहुँच गया पर यमराज वहां नहीं थे। यमराज के दूतो ने देखा की नचिकेता का जीवन काल अभी पूरा नहीं हुआ है। इसलिए उसकी और किसी ने ध्यान नहीं दिया किन्तु नचिकेता तीन दिनों तक यमलोक के द्धार पर बैठे रहा। 

चौथे दिन जब यमराज ने बालक नचिकेता को द्धार पर देखा तो नचिकेता से उसका परिचय पूछा।   निर्भय होकर बड़ी विनम्रता से अपना परिचय दिया और यह भी बताया की वह अपने पिताजी की आज्ञा से आया है। 

यमराज ने सोचा की यह पितृ भक्त बालक हमारे यहाँ अतिथि है।  यमराज मन ही मन सोचने लगे की मैंने और मेरे दूतों ने घर आये हुए अतिथि का स्वागत नहीं किया। उन्होंने नचिकेता से कहा....... है ऋषि कुमार तुम मेरे द्धार पर तीन दिनों तक भूखे प्यासे पड़े रहे, आप मुझसे तीन वर मंगलो। 

नचिकेता ने यमराज को प्रणाम करते हुए कहा........ अगर आप मुझे वरदान देना चाहते है, तो पहला वरदान दीजिये की मेरे वापस जाने पर मेरे पिता मुझे पहचान ले और उनका क्रोध शांत हो जाये। 

यमराज ने कहा....... तथास्तु कहा और दूसरा वरदान मांगने को कहा....... 

नचिकेता ने सोचा पृथ्वी पर बहुत दुःख है।  दुःख दूर करने का उपाय क्या हो सकता है ? इसलिए नचिकेता ने यमराज से दूसरा वरदान माँगा। 

स्वर्ग मिलो किस रीती से, मुझको दो यह ज्ञान। 
मानव के सुख के लिए, मांगू यह वरदान।।

यमराज ने बड़े परिश्रम से नचिकेता को वह विद्या सिखाई पृथ्वी पर दुःख दूर करने के लिए विस्तार में नचिकेता ने ज्ञान प्राप्त किया। बुद्धिमान बालक नचिकेता ने थोड़े ही समय में सब बातें सिखली। नचिकेता की एकाग्रता और सिद्धि देखकर यमराज बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने नचिकेता से वरदान मांगने को कहा। 

नचिकेता ने कहा........ 
मृत्यु क्यों होती है ?
मृत्यु के बाद मनुष्य का क्या होता है ?
वह कहा जाता है ?

यह प्रश्न सुनते ही यमराज चौंक पड़ते है। उन्होंने कहा " बालक नचिकेता तुम और कुछ भी मंगलो पर मैं इस राज पर से पर्दा नहीं उठा सकता। इसके बदले में तुम कोई और प्रश्न पुछलो पर नचिकेता ने कहा........ अपने मुझे वरदान दिया है। ....... आपको मुझे इस रहश्य को बताना ही पड़ेगा। 

नचिकेता की दृढ़ता और लगन को देखकर यमराज को झुकना पड़ा। 

उन्होंने नचिकेता को बताया की मृत्यु क्या है।  उसका असली रूप क्या है ? यह विषय बहुत कठिन इसलिए यह पर समझाया नहीं जा सकता। किन्तु कहा जा सकता है कि जिसने पाप किया नहीं किया, दुसरो को पीड़ा नहीं पहुंचाई, जो सच्चाई की रह पर चला उसे मृत्यु की पीड़ा नहीं होती।  कोई कष्ट नहीं होता है। इस प्रकार छोटी उम्र में ही अपनी पितृ भक्ति का प्रमाण दिया है। 

दोस्तों आपको यह कहानी पसंद आये तो कमेंट जरूर कीजिये, आपका एक कमेंट मुझे कुछ अच्छा लिखने के लिए प्रेरित करता है। 
                                                              धन्यवाद 

9/23/2019

जिंदगी जीने के तीन गोल्डन रूल्स ( Three Golden Rules of Life In Hindi )

जिंदगी जीने के तीन गोल्डन रूल्स 
( Three Golden Rules of Life In Hindi )

दोस्तों, हम  अपनी जिंदगी में कई बार किसी तनाव में या संकट में फंस जाते है। जब हमें लगता है की काश हम हर मुश्किलों को आसानी से हल कर पाते या किसी भी परिस्थिति में खुद को बेहतर बना पाते। आपके भी मन में कभी न कभी ये बात आयी होगी की कुछ ऐसा रास्ता हमें मिल जाये जिससे हम अपने जीवन आसान कर सकते या उसे बहुत अच्छा बना सकते। 

हमारे  पास ऐसा कोई शार्ट कट तो नहीं होता लेकिन कुछ ऐसे टिप्स और तरीके जरूर है जिन्हे अगर हम अपने जीवन अमल करेंगे तो यकिनन हमें बहुत फ़ायदा होगा। 

जिंदगी के इन 3 स्टेप FOLLOW करके हमेशा खुश रहेंगे

ऐसें ही आपको  इस पोस्ट में आज हम कुछ लाइफ को बेहतर ढंग से जीने के लिए तीन गोल्डन रूल्स  बताने वाले है, जिन्हे अगर आप अपनी लाइफ में फॉलो करोगे तो आपको उसका फ़ायदा जरूर मिलेगा और आप  जब भी मुश्किल समय में होंगे तब आप आसानी से उस प्रॉब्लम दूर  कर पाओगे। 

तो आईये पढ़ते है क्या है वह तीन तरीके 


1. कर्म करो फल की चिंता न करो :

भगवत गीता में  लिखा हुआ यह श्लोक बहुत ही गहरा है, इसके मर्म  समझना बहुत मुश्किल है। यदि आज हम किसी से यह श्लोक कहेंगे कि कर्म कर और फल की चिंता मत कर, तो क्या वह आपकी बात को मानेगा बिलकुल नहीं क्यों की यह कलियुग है। 

 अगर आप ध्यान से समझोगे तो आप पाओगे की हमें अपनी लाइफ में जो भी कुछ करना है उसे बिना किसी लालच से करना चाहिए। ताकि अगर आपको वह लक्ष हासिल नहीं भी हुआ तो आपको दुःख नहीं होगा। हमें अपने जीवन के किसी भी  कार्य में अपना बेस्ट देना चाहिए। आप अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए जो कुछ भी करते है उसमे आप अपना सौ प्रतिशत योगदान दे, ताकि बाद में आपको निराश न होना पड़े। 

जब आप किसी  चीज को पाने के लिए बिना स्वार्थ और लालच के कड़ी मेहनत से करोगे तो आपको उसका लाभ भी होगा, साथ ही साथ अगर आप अपने लक्ष को पूरा न कर सके तो आपको वह लक्ष पूरा न होने का नुकसान भी नहीं होगा। 

आपको अपने जीवन में यह चीज याद रख लेनी चाहिए कि आप जो भी करो। वह बिना किसी लालच के करो और कर्म करते जाओ पर उसके बदले में किसी फल के बारे में न सोचे सोचे। 

2.  जो होगा अच्छा ही होगा 


आप माने या न माने पर इस दुनिया में जो भी होता है, वह अच्छा ही होता है। यह विचार सोचने पर जितना मन को लुभावना लगता है, वह उतना ही अपनी रियल लाइफ में काम आता है। जब हमारे साथ कोई भी घटना घटती है या जब हमारे साथ कुछ भी अच्छा या बुरा होता है। तब हम बहुत चिंतित हो जाते है किन्तु जब समय गुजर जाने के बाद जब हम उस घटना  के  बारे में सोचते तो तब हमें पता चलता है कि जो कुछ भी  हमारे साथ हुआ वह हमारे अच्छे के लिए ही हुआ था। 

आपको अपनी लाइफ के हर एक पड़ाव में अपना  बेस्ट देने  सोच होनी चाहिए, और कुछ भी अच्छा या बुरा घटने पर विचलित नहीं होना चाहिए। बुरा वक्त हर एक व्यक्ति के जीवन में आता है, क्यूंकि सुख और दुःख एक ही सिक्के के दो पहलु है।  अगर आपके जीवन में कुछ गलत हो रहा है तो याद रखे कि आपके जीवन में कुछ अच्छा होने वाला है। अगर सूरज अस्त होता है तो सूर्य उदय भी होता है। इसलिए निराश मत होईये। 

3. बेहतर बनते जाओ 


बेहतर बनते जाओ यह बात हर इंसान जानता है, कि उसे अपने बढ़ती उम्र के साथ बेहतर से बेहतर बनना चाहिए। जब आप खुद को बेहतर बनाने का काम शुरू करदो तो आपके अंदर बदलाव आना शुरू  जायेंगे। आप प्रकृति की किसी भी चीज को उठाकर देखलो उसमे समय के साथ साथ परिवर्तन होता रहता है। अगर आप अपडेट नहीं रहोगे तो दुनिया के  साथ साथ नहीं चल पाओगे। अगर अपडेट नहीं रहोगे तो पागल कहे जाओगे। 

                                         अगर आप में कुछ नया  करने की क्षमता है......... या काबिलियत है......... पर अगर आप उसके बारे में सोचोगे ही नहीं तो आप उसे पहचानोगे कैसे, आपको अपने जीवन के हर एक हिस्से को सुनहरे अक्षरों से लिखना चाहिए। अगर आप किसी चीज को सीखना चाहते है तो अगर सीखना शुरू करदोगे तो एक न एक दिन उसे जरूर सिख जाओगे। अपने आप पर से भरोसा कभी नहीं खोना चाहिए। 

तो दोस्तों, इस आर्टिकल के माध्यम से था यह मेरा छोटा सा प्रयास जिससे आप अपनी लाइफ की कुछ मुश्किलों को और खुद को बेहतर बनाने और खुद को कुछ अलग दिखाने के लिए प्रेरित हो सको। 

निवेदन : - आपको अगर हमारी Three Golden Rules of Life In Hindi, zindagi jine ke teen tarike, self help article in hindi, कैसा लगा हमें अपने कमेंट के माध्यम से जरूर बताये क्यूंकि आपका एक कमेंट हमें बेहतर से और बेहतर लिखने की प्रेरणा देता है।     

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